
खोट का प्रतिशत आजकल बढ रहा है,,आदमी जलन ईर्ष्या मे अपने परिवार से खार रख रहा है,,,चक्रव्यूह रचकर खुन का प्यासा हो रहा है,,,चंद शकुनीयो और नालायक धुर्त नमुनो के चक्कर मे घनचक्कर हो रहा है,गलत लोगो और गलत दिशा मे जाकर ठगा जा रहा है,,अंत मे सब खोकर रो रहा है,,,परिवार समाज और अपनो से बेर पालकर बापु जी, हम अपना केरियर और भविष्य नही बना सकते,,,अनेक हेकडीवान साहबजादे अपनी करनी पर आंसु बहा रहे है,,दिवालिये और दिमागी संतुलन खो बैठे है!उन्हे अपना और अपने बाप तक का भान नही है,,गांव शहरो मे कई लोग ऐसे गिरोहों के आर्थिक शिकार हुऐ जा रहे है,, सावधान,,अपने पास नमुनो को न भटकने दे,,जो आपको और आपके वजुद को दारू मांस के हल्ले लगाकर और अनिति पर लाकर रोड पर लाना चाहते है….