“शिक्षा के मंदिर या भ्रष्टाचार के अखाड़े? स्कूलों में बढ़ती अराजकता और गिरता नैतिक स्तर चिंताजनक”
जब बच्चों के हक़ पर ही सवाल खड़े होने लगें, तो समाज का विश्वास डगमगाने लगता है। आज प्रदेश और ज़िले में ऐसे कई उदाहरण सामने आ रहे हैं जहाँ कुछ शिक्षक शासन और सरकार के दिशा-निर्देशों की खुली अवहेलना कर रहे हैं। स्कूल, जो कभी अनुशासन और नैतिक मूल्यों की पाठशाला थे, आज कुछ […]
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