पुर का यह सरकारी स्कूल बना हादसे का इंतजार!
पुर ( निर्मल कुमार सिंघवी ) । उपनगर पुर के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय माली मोहल्ला की इमारत इन दिनों बच्चों की शिक्षा नहीं, बल्कि जान के लिए खतरा बन चुकी है। स्कूल के कक्षा कक्षों की छत से बारिश के दौरान प्लास्टर झड़ना, दीवारों से पानी रिसना और बरामदे का छज्जा पूरी तरह क्षतिग्रस्त होना — यह सब किसी बड़े हादसे का संकेत दे रहे हैं।
विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक के 78 छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन सिर्फ चार कक्षा कक्ष उपलब्ध हैं। इन कक्षों में बैठना तो दूर, भीगे फर्श पर खड़े होना भी खतरे से खाली नहीं है। बरामदे के छज्जे की हालत इतनी खराब है कि उसके नीचे से आना-जाना तक बंद कर दिया गया है।
छत से पानी और प्लास्टर की मार:

स्कूल के प्रधानाध्यापक कक्ष तक में छत से प्लास्टर गिर रहा है, और पूरे भवन में जगह-जगह दरारें उभर आई हैं। बारिश के समय कमरों में पानी भर जाता है, जिससे छात्रों को बैठने की जगह नहीं मिलती और पढ़ाई बाधित होती है।
सिर्फ दो कार्मिकों के भरोसे स्कूल, मरम्मत राशि भी रुकी:

विद्यालय में वर्तमान में केवल दो स्टाफ कार्यरत हैं, जो स्कूल संचालन की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। समग्र शिक्षा योजना के अंतर्गत मरम्मत हेतु राशि स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्य शुरू नहीं हुआ है।
“हर बारिश के साथ बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है। अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो कोई बड़ा हादसा कभी भी हो सकता है।” — एक अभिभावक ने चिंता व्यक्त की।
प्रशासन को चेतावनी: अब नहीं चेते तो पछताने का वक्त भी नहीं मिलेगा
स्थानीय अभिभावकों और नागरिकों ने कई बार उच्चाधिकारियों को ज्ञापन और सूचनाएं भेजी हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यदि अब भी प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया तो यह लापरवाही झालावाड़ जैसे हादसे को दोहरा सकती है।