मुकेश खटीक
मंगरोप।एक ओर जहां अंतिम संस्कार को हिंदू परंपराओं में अत्यंत पवित्र माना गया है,वहीं मंगरोप क्षेत्र के पाटनिया गांव में एक मृतक को मौत के बाद भी सम्मानजनक विदाई नहीं मिल सकी।बारिश के कारण श्मशान घाट में टिनशेड न होने से अंतिम संस्कार में घंटों तक इंतजार करना पड़ा।
शनिवार को गांव में एक बुजुर्ग की मृत्यु हो गई। जब परिजन शव को श्मशान घाट लेकर पहुंचे तो वहां बारिश शुरू हो गई।टिनशेड या किसी भी प्रकार की स्थायी छाया व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीण मजबूरी में तिरपाल व अन्य अस्थायी उपायों का सहारा लेकर दाह संस्कार करने को विवश हुए।ग्रामीणों ने बताया कि कई बार ग्राम पंचायत और सरपंच राजेंद्र कंजर से टिनशेड निर्माण की मांग की जा चुकी है।लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।इससे गांव में भारी नाराजगी है।ग्रामीणों ने कहा कि यह किसी एक परिवार की नहीं, पूरे गांव की समस्या है।

श्मशान की दुर्दशा पर उठे सवाल:श्मशान में न टिनशेड,न बैठने की व्यवस्था।बारिश में गीली लकड़ियों से जलाने में हुई परेशानी।शव के साथ खड़े परिजन घंटों भीगते रहे।
क्या बोले ग्रामीण:शासन की योजनाओं का लाभ कहां जा रहा है?श्मशान जैसे संवेदनशील स्थल पर भी व्यवस्था नहीं होना शर्मनाक है:-स्थानीय निवासी-सम्पत गुर्जर
ग्रामीणों की मांगें:श्मशान घाट पर पक्के टिनशेड का निर्माण,बैठने की व्यवस्था,वर्षा व धूप से बचाव के साधन एवं श्मशान मार्ग का सुधार आदि।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही श्मशान घाट पर उचित सुविधा नहीं उपलब्ध करवाई गई,तो वे पंचायत कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
अब देखना यह है कि ग्राम पंचायत और प्रशासन इस संवेदनशील मुद्दे पर कितनी जल्दी संज्ञान लेते हैं।